Saturday, March 2, 2024

KEY AND KEYWAYS



INTRODUCTION (परिचय ) :-  किसी असेंबली या मशीन में पार्ट्स को अस्थायी रूप से जोड़ने के लिए कई प्रकार के माध्यम उपयोग में लाए जाते हैं उनमें से एक चाबी (KEY) भी है। यह एक धातु का टुकड़ा होता है। जिसको शाफ़्ट और पुल्ली  या गियर आदि के चाबी घाट में  फिट किया जाता | इस प्रकार चाबी फिट करने से शाफ़्ट और पुल्ली या गियर  एक साथ चल सकती है। 


चाबी ( KEY) और चाबी घाट (KEYWAYS) एक ऐसा मेकेनिस्म जिसमे शाफ़्ट और पुल्ली या गियर को इंगेज और  डिसइंगेज करने का काम करता है | 




चाबी (KEY) मुख्यतः दो प्रकार की होती है।

  1. संक की (SUNK KEY)
  2.    सैडल  की  (SADDLE KEY)
1. संक की (SUNK KEY) -

इस प्रकार की चाबी को फिट करने के लिए साफ्ट और हब दोनों में चाबी घाट बनाने की आवश्यकता होती है।

संक की के प्रकार 

1  प्लेन टेपर की :-  यह आयताकार चाबी होती है। यह चौड़ाई में समानांतर और मोटाई में टेपर होती है। यह टेपर 1:100 का होता है।



2  राउंड टेंपर की :- यह गोल आकार में होती है यह अपनी लंबाई में टेपर में बनी होती है। इसका टेपर1:50 का होता है।




3 जिब हेड की:-  यह “प्लेन टेपर की” के समान ही होती है। जिसके एक सिरे पर हेड बना होता है। जिससे इस चाबी कोआसानी से फिट किया जा सकता है एवं निकाला जा सकता है। यह चौड़ाई में समान होती है और मोटाई में 1:100 का टेपर बना होता है।


4 फेदर की :- इस प्रकार की चाबी मोटाई और चौड़ाई में समान तक होती है। कभी कभी इसके सिरों को गोलाई में भी बना दिया जाता है।इस चाबी को फिट करने के लिए चाबीघाट शाफ्ट के बीच में लंबाई तक काटा जाता है। इस चाबी को फिट करने के लिए कभी कभी स्क्रू  का उपयोग भी किया जाता है। दो हेड वाली फीदर की का प्रयोग भी किया जाता है।


5 वुडरफ :- इस प्रकार की चाभी का ऊपर का हिस्सा फ्लैट और नीचे का हिस्सा अर्धवृत्ताकार होता है। अर्धवृत्ताकार वाला भाग शाफ्ट में बने चाबी घाट में बैठा दिया जाता है इस प्रकार की चाबी का उपयोग प्राय: ऑटोमोबाइल वाली शाफ़्ट में किया जाता है।

2. सैडल  की  (SADDLE KEY) :- इस प्रकार की चाबी को फिट करने के लिए केवल हब में चाबीघाट बनाया जाता है और शाफ्ट पर चाबी घाट नहीं बनाया जाता। ये प्रायः निम्नलिखित दो प्रकार की पाई जाती है-
1. फ्लैट सैडल 'की' (Flat Saddle Key) - यह चाबी आयताकार होती है जिसका प्रयोग हल्के कार्यों के लिए किया जाता है। इसको फिट करने के लिए हब में चाबीघाट बनाया जाता है और शाफ्ट पर हल्की सी फाइल लगाकर फ्लैट कर दिया जाता है जिससे फिट करते समय चाबी को आसानी से सीट मिल जाती है। 

2. हॉलो सैडल 'की' (Hollow Saddle Key) - यह चाबी आयताकार होती है जिसका ऊपरी भाग फ्लैट और निचला भाग हॉलो होता है। जब इसको फिट किया जाता है तो फ्लैट भाग हब के चाबीघाट में बैठा दिया जाता है और हॉलो भाग शाफ्ट पर बैठा दिया जाता है। यह चाबी केवल रगड़ की गर्मी (घर्षण) से पार्ट्स को पकड़े रहती है। इसका प्रयोग भी हल्के कार्यों के लिए किया जाता है।
चाबीघाट (Keyway)

परिचय (Introduction) - शाफ्ट पर और हब के बीच में अक्ष के समानांतर चाबी को फिट करने के लिए जो ग्रुव बनाया जाता है उसे चाबीघाट कहते हैं। चाबीघाट को बनाने के लिए साइज के अनुसार मार्किंग करके चाबीघाट बनाया जाता है। मार्किंग करने के लिए 'की सीट रूल' या बाक्स स्क्वायर का प्रयोग किया जा सकता है। चाबीघाट प्रायः निम्नलिखित विधियों से बनाए जाते हैं-

1. हाथ द्वारा (By Hand) - हाथ के द्वारा चाबीघाट बनाने के लिए पहले साइज के अनुसार मार्किंग कर ली जाती है। मार्किंग के अंदर निश्चित गहराई तक चेन ड्रिलिंग की जाती है। फिर साइड कट चीजल से साइजों को बनाया जाता है और बीच की अनावश्यक धातु क्रॉस कट चीजल से साफ करते हैं। आखिर में फाइल से चाबीघाट को साइज में फिनिश कर दिया जाता है।
             हब से चाबीघाट बनाने के लिए मार्किंग करने के बाद हेक्सॉ से साइडों को काट लिया जाता है और बीच की अनावश्यक धातु को क्रॉस कट चीजल से साफ कर दिया जाता है और अंत में फाइल से चाबीघाट को फिनिश कर दिया जाता है।

2. मशीन द्वारा (By Machine) - इस विधि में चाबीघाट की मार्किंग करने के बाद मशीनिंग करके चाबीघाट को बनाया जाता है। जैसे शेपर, स्लॉटर या मिलिंग मशीन के द्वारा टूल या कटर का प्रयोग करके चाबीघाट बनाया जा सकता है।










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